Saturday 5 July 2014

SFI उत्तराखंड राज्य कमेटी का दो दिवसीय प्रसिक्षण शिविर

स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ़ इंडिया SFI उत्तराखंड राज्य कमेटी के तत्ववाधन में आयोजित दो दिवसीय राज्य स्तरीय प्रशिक्षण शिविर आज दिनांक 05 जुलाई से शहीदे आजम भगत सिंह नगर में स्थित श्री सत्यनारायण धर्मशाला, हल्द्वानी में प्रारम्भ हुआ |

प्रशिक्षण कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए स्वंत्रता संग्राम सेनानी एवं सीटू के प्रांतीय अध्यक्ष कॉमरेड सत्यप्रकाश ने कहा कि देश के कौमी मुक्ति आन्दोलन में इस देश के छात्र-छात्राओं और नौजवानों ने बढ़ चढ़कर भागीदारी करते हुए अपने संघर्षों से इस देश को गुलामी की बेड़ियों से मुक्त कराया | लेकिन आजादी के बाद जिस तरह से सरकारों ने छात्रों के जनवादी अधिकारों की अनदेखी की है वही शासक वर्ग आजादी से पहले संगठित छात्र आन्दोलन की पैरवी करता रहा है और आजादी के बाद व्ही शासक वर्ग छात्रों को राजनीति से दूर रहने की सलाह देता रहा है और देश शिक्षा विरोधी नीतियों को लागु कर रहा है | और साथ ही उन्होंने कहा की छात्र समुदाय ने अपने संघर्षों के माध्यम से कई निर्णायक विजय हासिल करते हुए निति निर्माताओं को जनपक्षीय नीतियाँ बनाने पर मजबूर किया लेकिन वर्तमान दौर में छात्र राजनीति एक संक्रमण के दौर से गुजर रही है और इससे बाहर निकलने का रास्ता भी छात्र समुदाय को स्वयं ही बनाना है |

कार्यशाला को अपनी शुभकामनायें देते हुए सी.आई.टी.यू. नैनीताल के जिलाध्यक्ष कॉमरेड आर.के.वालिया ने कहा कि वर्तमान समय में छात्र समुदाय पूरी तरह से कैरियारोनुमुखी बना दिया गया है जिसके चलते छात्र समुदाय समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी नही निभा पा रहा है |
प्रशिक्षण कार्यशाला के प्रथम सत्र में भारतीय जाति व्यवस्था एवं पहचान की राजनीति विषय पर अपनी बात रखते हुए मुख्य वक्ता डी.ए.वी. कालेज देहरादून के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष एवं SFI उत्तराखंड राज्य के उपाध्यक्ष कॉमरेड लेखराज ने कहाँ कि भारतीय जाति व्यवस्था में विभिन्न जातियों के समाज है एवं शासक वर्ग इन जातियों को शोषण के हथियार के प्रयोग करता रहा है | वर्तमान में भी दलितों पर बढ़ते अत्याचार एवं दलित महिलाओं पर सुनियोजित तरीके से हमले किये जा रहे है |  सामाजिक व्यवस्था में आये बदलावों- कुरीतियों ने हमारी सामाजिक व्यवस्था के तानेबाने को छीन-भिन्न कर दिया है जिसके चलते आज भी खाप जैसी पंचायते इस देश में फैसले ले रही है और अपने फैसलों को लागू करा रही है इसके साथ-साथ देश के कई हिस्सों में आज भी इज्जत के नाम पर हत्याएं हो रही है और इन सबसे बढ़कर आजादी के इतने वर्षों बाद भी जाति व्यवस्था के बुनयादी स्वरुप में कोई परिवर्तन नही आया है और कमजोर होने बजाए यह और ज्यादा मजबूत हुई है उन्होंने कहाँ कि SFI के तौर पर हम इन सब कुरीतियों का विरोध करते है और SFI में इस तरह के विभेद को बढ़ावा देने वाली किसी भी गातिविधि को प्रोत्शाहित नही किया जाता है |
सम्मलेन में राज्य के विभिन्न जिलों से आये हुए लगभग पांच दर्जन SFI कार्यकर्त्ता भागीदारी कर रहे है |
सम्मलेन के दितीय दिन कल तीन सत्रों में SFI के आखिल भारतीय सह-सचिव कॉमरेड शतरूप घोष, कॉमरेड सुनंद, और कॉमरेड विक्रम द्वारा SFI का कार्यक्रम एवं संविधान, वर्तमान राजनितिक परिस्थिति एवं शिक्षा की वर्तमान नीतियाँ/ शैक्षिक व्यवस्था और संगठन, आदि अलग-अलग विषयों पर व्यखान दिए जायेगे |


भवदीय
अभिषेक भण्डारी
राज्य सह-सचिव

उत्तराखंड राज्य कमेटी 

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