देहरादून, 10 मई 2015
आज स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ़ इंडिया (SFI) राज्य
कमेटी द्वारा 1857 की 158वीं वर्षगांठ के अवसर पर विद्रोह की इतिहास पर एक
विस्तारित प्रदर्शनी आम जनता के अवलोकनार्थ हेतु गाँधी पार्क के मुख्य द्वार पर
प्रदर्शित की गयी |
प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य आम जनता को आजादी के
आन्दोलन में 1857 के विद्रोह की महत्वपूर्ण भूमिका के सन्दर्भ में विस्तार से अवगत
कराना था | 1857 का विद्रोह ब्रिटिश साम्राज्य द्वारा हिन्दुस्तानी जनता पर किये
गये अत्याचारों का प्रतीक है, अंग्रेजों द्वारा हिन्दुस्तानी जनता यहाँ तक कि
अंग्रेजो की सेना में सांप्रदायिक आधार पर विभाजन करने की साजिश के परिणाम स्वरूप
29 मार्च 1857 को बैरकपुर में सेना के विद्रोह से शुरू होकर पुरे देश के मुख्य
हिस्सों में जनविद्रोह के रूप में परिवर्तित हुआ, अंग्रेजों के खिलाफ इस विद्रोह
में सभी धर्म मजहबों व् क्षेत्रों के लोगों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सेदारी की तथा साझी
सहादत साझी विरासत की नीवं रखी, इस एकता के चलते अंग्रेज समझ गये थे कि वे
हिंदुस्तान पर ज्यादा दिन तक राज नही कर सकते इस लिए उन्होंने देश की जनता को
विभाजित करने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाये हालाँकि 1857 का विद्रोह अंग्रेजों
के भारी दमन का शिकार हुआ तथा इस विद्रोह को अंग्रेजों द्वारा विफल किया गया
किन्तु आजादी क आन्दोलन में 1857 मील का पत्थर साबित हुआ |
इस विद्रोह में सैनिकों द्वारा मेरठ छावनी में 10 मई को विद्रोह कर दिल्ली कूच कर 11 मई 1857 को दिल्ली पर सैनिको ने कब्ज़ा किया तथा हिंदुस्तान के अंतिम मुगल शासक बहादुर शाह जफ़र को अपना नेता चुनकर संप्रादियक एकता की मिसाल कायम करी |
इस अवसर पर स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ़ इंडिया (SFI) द्वारा १८५७ के शहीदों को याद करते हुए उनके सम्मान में गाँधी पार्क में प्रदर्शनी के स्थान पर दीप प्रज्वलित कर दो मिनट का मौन रखा, 1857 के वीर शहीदों को श्रधांजलि देते हुए युवाओं को सन्देश दिया की वे आजादी के ऐतिहासिक आन्दोलन में 1857 के शहीदों के महत्वपूर्ण योगदान को समझने के लिए वर्तमान चुनोतियों को देखते हुए शिक्षा व् रोजगार के संघर्षों को आगे बढाने के लिए एकजुट होकर आगे आये, प्रदर्शनी में भारी संख्या में छात्र-छात्राओं, युवाओं, बुजुर्गो व् आम जनता ने शिरकत की |
इस अवसर
पर स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ़ इंडिया (SFI) के अभिषेक भंडारी, देवेन्द्र रावल,
हिमांशु, राजेश चौहान, पुलकित, नितिन मलेथा, वंदना, नितेश खंतवाल, अतुल कान्त, रवि
बिष्ट, प्रियंका, अनिल तथा वामपंथी नेता लेखराज, अनंत आकश, एस.एस.रजवार, टिका
प्रसाद पोखरियाल आदि उपस्थित थे |
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