'कौन कहता है आसमान में सुराख
नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों..'
और सचमुच तबियत से उछाले गए छात्र-छात्राओं के हर पत्थर ने प्रबंधन व् शासन के विस्तृत आसमान
को छेद कर अपना लक्ष्य पा लिया। यह पत्थर था संघर्ष का, आन्दोलन का, और दृढ़ आत्मविश्वास का, एवं सतत लगन का जिसके माध्यम से DAV PG कॉलेज में पिछले आठ दिनों से चला आ रहा धरना मांग
पूर्ण होने पर समाप्त हुआ |
DAV PG कॉलेज में पिछले आठ दिनों से कॉलेज बचाओं
संघर्ष समिति के बैनर तले क्लस्टर विवि के विरोध में आन्दोलन चल रहा था जिसमें
हमारे छात्र संगठन एस,ऍफ़.आई. के साथ-साथ विभिन्न छात्र संघठन भी सम्मिलित थे |
छात्रों के सामने प्रबंधन व् शासन को झुकना पड़ा | आज आन्दोलंरित छात्र नेताओं को शासन
द्वारा बैठक वार्ता के लिए आमंत्रित किया गया, जिसमें यह निर्णय लिया गया कि, RUSA
के तहत DAV PG कॉलेज को क्लस्टर
युनिवेर्सिटी नही बनाया जायेगा और इस प्रस्ताव को ख़ारिज किया गया, जिस पर छात्र नेताओं ने मांग कि शासन इसकों लिखित
में दें कि RUSA के तहत कलस्टर युनिवेर्सिटी नही बनाई जाएगी; जिस पर शासन की और से
निदेशक उच्च शिक्षा श्री महेश्वरी द्वारा लिखित में दिया गया, जिसके बाद छात्रों
के द्वारा धरना समाप्त किया गया |
इस अवसर पर छात्र नेताओं ने DAV PG कॉलेज
प्रबंधन की जमीनों को खुर्दबुर्द करने के खिलाफ भी आरोप लगाये व् DAV PG कॉलेज में
ऑडिट करने की मांग की, और साथ ही मांग कि शासन द्वारा एक कमेटी बनाकर उक्त मामलों की
जाँच कर कड़ी कारवाई की जाये और साथ ही DAV PG कॉलेज को सरकार अधिग्रहित कर
मैनेजमेंट से मुक्त करे, इस पर शासन के
द्वारा आश्वासन दिया गया कि वे उच्च स्तरीय कमेटी बनाकर दयानंद शिक्षण संस्थान की खुर्दबुर्द
की गयी भूमि की जाँच करेंगे और DAV PG कॉलेज में ऑडिट करने हेतु निर्देश देंगे |
इस अवसर पर छात्र नेताओं ने कहाँ कि, जिस तरह से
सबने मिलकर संघर्ष के माध्यम से इस सफलता को पाया है यह छात्र एकता व् संघर्ष का
उच्च शिक्षा के निजीकरण के माध्यम से अपना लाभ कमाने की सोच रही पूंजीवादी ताकतों
के मुह पर एक जोरदार तमाचा है
इस मौके पर लेखराज, अभिषेक भण्डारी, विपिन जोशी,
महेन्द्र पाल, सतीश पंत, भूपेन्द्र नेगी, पुष्पेन्द्र, विकास भट्ट, हिमांशी
राणावत, देवेन्द्र रावल, नितिन बौंठियाल, हिमांशू चौहान, ओमकार, आशीष रॉ, विनीत
भट्ट, अंशुल चावला,रिंकू आदि भारी संख्या में छात्र- छात्राएं उपस्थित थे |
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